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फिर मुस्करा दी...



तुम देख पा रही हो न हम दोनों को इस तस्वीर में, अरे! वो नहीं... नहीं वो उधर भी नहीं, थोड़ा ऊपर नज़रे करो, हाँ वो उड़ते हुए दुनिया से कहीं दूर भागते हुए, वही 2 पंछी है हम। देखो न कितना प्यारा है सब कुछ, ऊपर गुलाबी आसमान और पंखों के नीचे यह नदी जिसमे थोड़ी सी आसमान की झलक दिखती है वैसे ही जैसे मुझमें तुम दिखती हो। यह तुम हो साथ तो हर चीज़ प्यारी लग रही है या वाकई दुनिया सुंदर है? मुस्कराओ मत ऐसे, बताओ न। . . . फिर मुस्करा दी... कितना कुछ कहती है न यह मुस्कान। ❤️

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