सुनो, मेरा हाथ पकड़ो न
- Aman Vishera
- Mar 28, 2019
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चिड़ियाँ चहक रही हैं, बादल भी झूम रहे है, हवायें भी मद्धम से कुछ गुनगुना रही है, और तुम मेरे बाजू में हो शहर के सबसे ऊपर वाले पहाड़ पर। देखो न आज तुम मेरे साथ हो तो यह मेरा पुराना आशिक़ सूरज भी कितना जल रहा है, जल जल के कैसे लाल होगया है और अब मुह मोड़कर वापस चला जाएगा। चलो इसे थोड़ा और जलाते है, सुनो, मेरा हाथ पकड़ो न, जल्दी।
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